About Shodashi
Wiki Article
एकान्ते योगिवृन्दैः प्रशमितकरणैः क्षुत्पिपासाविमुक्तैः
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥९॥
Each struggle that Tripura Sundari fought is actually a testomony to her may possibly as well as the protecting mother nature of the divine feminine. Her legends proceed to encourage devotion and therefore are integral to your cultural and spiritual tapestry of Hinduism.
सर्वानन्द-मयेन मध्य-विलसच्छ्री-विनदुनाऽलङ्कृतम् ।
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥४॥
अष्टारे पुर-सिद्धया विलसितं रोग-प्रणाशे शुभे
यह शक्ति वास्तव में त्रिशक्ति स्वरूपा है। षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना कितनी महान साधना है। इसके बारे में ‘वामकेश्वर तंत्र’ में लिखा है जो व्यक्ति यह साधना जिस मनोभाव से करता है, उसका वह मनोभाव पूर्ण होता है। काम की इच्छा रखने वाला व्यक्ति पूर्ण शक्ति प्राप्त करता है, धन की इच्छा रखने वाला पूर्ण धन प्राप्त करता है, विद्या की इच्छा रखने वाला विद्या प्राप्त करता है, यश की इच्छा रखने वाला यश प्राप्त करता है, पुत्र की इच्छा रखने वाला पुत्र प्राप्त करता है, कन्या श्रेष्ठ पति को प्राप्त करती है, इसकी साधना से मूर्ख भी ज्ञान प्राप्त करता है, हीन भी गति प्राप्त करता है।
सेव्यं गुप्त-तराभिरष्ट-कमले सङ्क्षोभकाख्ये सदा ।
रविताक्ष्येन्दुकन्दर्पैः शङ्करानलविष्णुभिः ॥३॥
कामेश्यादिभिराज्ञयैव ललिता-देव्याः समुद्भासितं
लक्ष्या या पुण्यजालैर्गुरुवरचरणाम्भोजसेवाविशेषाद्-
The worship of Tripura Sundari is often a journey toward self-realization, read more exactly where her divine natural beauty serves as being a beacon, guiding devotees to the ultimate fact.
कर्तुं देवि ! जगद्-विलास-विधिना सृष्टेन ते मायया
, the creeper goddess, inferring that she's intertwined together with her legs wrapped all around and embracing Shiva’s legs and overall body, as he lies in repose. To be a digbanda, or protective pressure, she principles the northeastern course from whence she presents grace and defense.